(तामीर न्यूज़, अंतरवली सराटी)
बीड जिले के सीमावर्ती गांव अंतरवली सराटी में देश के प्रमुख धर्मगुरु मौलाना सज्जाद नोमानी, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता जरांगे पाटील और भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के पौत्र अनंतराव अंबेडकर ने एक साथ पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर यह घोषणा की कि मराठा, मुस्लिम और दलित समाज महाराष्ट्र के चुनाव में आपसी सहमति से उम्मीदवारों का चयन करेंगे।
जरांगे पाटील ने पत्रकारों को बताया कि उनकी आपसी बातचीत और सहमति हो चुकी है, और तीनों समाज एक-दूसरे का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा, “हम लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं और सभी के मन में सहयोग की भावना है। लेकिन चुनाव में किसे सत्ता से दूर रखना है, यह हमारी प्राथमिकता होगी। अंतरवली सराटी में अनशन पर बैठे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया, मेरी मां घायल हुईं, और इसे भूलना मुश्किल है। इसलिए अत्याचार करने वालों को सबक सिखाना आवश्यक है।” उन्होंने घोषणा की कि 3 नवंबर को उन उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी, जिन्हें गठबंधन का समर्थन मिलेगा।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने संवाददाताओं से बातचीत में इस गठबंधन को एक नई क्रांति बताते हुए कहा कि इसका प्रभाव देश की राजनीति पर पड़ेगा। उन्होंने जरांगे पाटील को एक क्रांतिकारी नेता बताया और कहा कि वह समाज की मांगों के साथ चल रहे हैं और हम सब उनके साथ हैं। अब दलित और मुस्लिम समाज की समस्याओं का गहन अध्ययन किया गया है और हम सबकी सहमति है। हमारे विचार भी एक हैं – गरीब, पिछड़े और हर प्रकार से शोषित लोगों के न्याय के लिए हम आगे आए हैं। चुनावी राजनीति को लेकर हम महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में सहमति से उम्मीदवार खड़ा करेंगे, जिसके लिए “न्यूनतम साझा कार्यक्रम” तैयार किया जाएगा।
जब मौलाना नोमानी से पूछा गया कि क्या वह इस गठबंधन को अपनी पूरी ताकत देंगे, तो उन्होंने कहा, “मेरा आना ही बहुत कुछ बयान करता है।”
राजनीतिक पंडितों को भी इस गठबंधन ने चौंकाया है। अगर 3 नवंबर के बाद यह गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरता है, तो इसका सबसे बड़ा असर कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी पर पड़ेगा। अन्य पार्टियों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।