बीड़ (संवाददाता) –
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार आज, 9 नवंबर को बीड़ दौरे पर आ रहे हैं और यहां मूक़ाम भी करेंगे। इस दौरान वे आष्टी, बीड़ और परली विधानसभा क्षेत्रों में थैलियों को संबोधित करेंगे। बीड़ में संदीप क्षीरसागर आष्टी में महबूब शेख और परली में राजे साहब देशमुख उनकी पार्टी के उम्मीदवार हैं।
शरद पवार को बीड़ में खास” चुनौती” का सामना नहीं करना पड़ेगा और यहां उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर नहीं है। आष्टी में एक युवा मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर, उन्होंने बीड़ जिले के मुस्लिम समुदाय को एक संदेश देने का प्रयास किया है। जबकि विपक्षी गठबंधन पहले बीड़ में एक मुस्लिम को टिकट देने का गाजर बताता रहा है, जिसके पवार ने बिना किसी विशेष मांग के बीड़ जिले में मूसलिम को प्रतिनिधित्व दिया है।
गेवराई और परली विधानसभा क्षेत्र पवार की राजनीतिक प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण हैं। गेवराई में, अमर सिंह पंडित ने पवार का व्यक्तिगत अपमान करते हुए उनकी उम्र का मजाक उड़ाया, जिसे पवार ने गंभीरता से लिया और अब वे इसका जवाब देना चाहते हैं। हालांकि, अमर सिंह पंडित के छोटे भाई विजय सिंह पंडित यहां से उम्मीदवार हैं उन के सामने ठाकरे सेना के व नर्म स्वभाव के बदाम राव पंडित मैदान में हैं ।फिर भी शरद पवार का इरादा उन्हें चुनौती देने का है।
परली में, अजीत पवार के गुट के धनंजय मुंडे शरद पवार की “हिट लिस्ट” में प्रमुख नाम हैं। शरद पवार के अनुसार, धनंजय मुंडे ने अजीत पवार को उनसे दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अक्सर अपने भाषणों में शरद पवार का मजाक बनाते रहे हैं। यह अब पवार के लिए एक चुनौती बन गया है, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस नेता राजे साहब देशमुख को अपनी पार्टी में शामिल कर परली से मैदान में उतारा है। मराठा समुदाय से जुड़े देशमुख की छवि साफ-सुथरी है और जिला परिषद की राजनीति में उनका प्रभावी प्रदर्शन रहा है।
पवार जातिगत समीकरणों से होने वाले राजनीतिक लाभ को बखूबी समझते हैं। हालिया संसदीय चुनावों में OBC और मराठा समुदायों के बीच हुई खटास को अब पवार भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। वह धनंजय मुंडे और विजय सिंह पंडित का राजनीतिक रूप से मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं और इसके लिए सभी संभावित रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।
शरद पवार का 9 नवंबर की रात को बीड़ में ठहरना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे गेवराई और परली में अपनी पकड़ को मजबूत करने की रणनीति पर विचार करेंगे। परली में उनकी स्पीच में स्थानीय गुंडागर्दी, भय, काले धंधे और बड़े भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जोर देने की संभावना है।